राष्ट्रपति के बाद उपराष्ट्रपति चुनाव में भी विपक्षी एकता ध्वस्त हो गई। 71 वर्षीय एनडीए प्रत्याशी जगदीप धनखड़ 346 वोटों के बड़े अंतर से विपक्ष की साझा उम्मीदवार 81 वर्षीय मार्ग्रेट आल्वा को हराने में सफल रहे। धनखड़ को 528 और अल्वा को 182 मत मिले, जबकि 15 मत अवैध घोषित हुए। धनखड़ को जीत के लिए 356 वोट चाहिए थे। कुल 55 सांसदों ने वोट नहीं दिए। धनखड़ के उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने के साथ ही संसद के राज्यसभा और लोकसभा का नेतृत्व राजस्थान के हाथ आ गया। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं। वहीं, राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष हैं। बिरला ने धनखड़ को उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने पर बधाई दी। जगदीप धनखड़ जिस प्रकार अपने निर्णयों से कई बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को चौंका देते थे। कुछ वैसा ही उनका सियासी सफर भी रहा है। वर्ष 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में उनकी नियुक्ति ने सभी को चौंका दिया था और अब देश के नए उपराष्ट्रपति के रूप में उनके निर्वाचन ने भी सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है। 71 वर्षीय धनखड़ को शनिवार को भारत का नया उप राष्ट्रपति चुना गया। चुनाव में उन्हें 528 वोट मिले, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी विपक्ष की उम्मीदवार मार्ग्रेट अल्वा को 182 वोट मिले।