मैनपुरा हत्याकांड: खुलेआम गोलीबारी ने पटना की कानून व्यवस्था को किया बेनकाब

 

✍️ रिपोर्ट: तनवीर आलम शेख, एशियन टाइम्स ब्यूरो प्रमुख

 

“जहाँ सड़क पर खड़े होना भी अब खतरे से खाली नहीं है!”

पटना के मैनपुरा में जो हुआ, वह किसी फिल्मी सीन जैसा नहीं, बल्कि राजधानी की कड़वी हकीकत है। दिनदहाड़े गोली चलाना, सरेआम एक युवक को मौत के घाट उतार देना, और अपराधी आराम से भाग निकलना — ये सब उस शहर में हो रहा है जिसे ‘स्मार्ट सिटी’ कहा जा रहा है।

 

घटना की असलियत: राजा और उसके दोस्त को मारी गई गोली

गवाहों के मुताबिक:

  • राजा नामक युवक अपने एक दोस्त के साथ सड़क किनारे खड़ा था।तभी बाइक सवार बदमाश आए और दोनों को सरेआम गोली मार दी। राजा की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसका दोस्त गंभीर रूप से घायल हो गया। अपराधी बिना किसी डर के घटनास्थल से फरार हो गए।

 

CCTV के ज़माने में भी ‘बेख़ौफ़’ अपराधी!

आज से 20 साल पहले लोग कहते थे,

“अगर सड़क पर खड़े हो तो अपनी जान के खुद मालिक हो, क्योंकि कोई भी गोली मारकर निकल जाएगा!”

पर क्या आज हालात बदले हैं?

नहीं! CCTV कैमरे लगे हैं, चेकिंग अभियान होते हैं, पुलिस चौकियां भी हैं… लेकिन अपराधी फिर भी बेखौफ हैं।

पुलिस की गश्ती और ‘नाकेबंदी’ केवल कागज़ों पर सख़्त है, ज़मीन पर अपराधी अपनी मनमानी कर रहे हैं।

 

पटना पुलिस की सफाई: “हम चेकिंग कर रहे हैं”

हर वारदात के बाद पुलिस का यही बयान आता है:

“हम जांच कर रहे हैं, चेकिंग अभियान चला रहे हैं।”

लेकिन सच्चाई यह है कि पुलिस के सामने ही अपराधी निडर होकर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

बायोलॉजिकल बिहेवियर ऑफ क्राइम: अपराधियों में डर नहीं

इस हत्याकांड ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि:

अपराधियों के दिमाग से ‘कानून’ और ‘पुलिस’ का डर खत्म हो गया है।

जब वे जानते हैं कि CCTV फुटेज भी उन्हें नहीं रोक पाएगा, तो अपराध करने में उन्हें कोई संकोच नहीं होता।

अपराध अब एक मानसिक आदत बनती जा रही है — जिसका इलाज सिर्फ बयानबाज़ी नहीं, बल्कि त्वरित और कठोर कार्रवाई है।

कहां जा रही है राजधानी पटना की सुरक्षा व्यवस्था?

क्या बिहार की राजधानी में अब कानून सिर्फ गरीबों और आम जनता के लिए रह गया है?

क्या पुलिस का काम सिर्फ वीआईपी ड्यूटी और प्रेस कॉन्फ्रेंस तक सीमित है?

सवाल उठना लाज़मी है, जब एक आम नागरिक की सरेआम हत्या हो जाती है और हत्यारे पकड़ से बाहर होते हैं।

एशियन टाइम्स की मांग

  1. राजा हत्याकांड की CBI या SIT जांच कराई जाए।MAINPURA मैनपुरा क्षेत्र में स्थायी पुलिस चौकी और हाइटेक निगरानी प्रणाली लगाई जाए। CCTV फुटेज का तुरंत विश्लेषण कर अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए।पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

पटना अब बदलाव की ओर नहीं, बल्कि अराजकता की ओर जा रहा है। अगर अब भी शासन-प्रशासन नहीं चेता, तो मैनपुरा जैसी घटनाएं पूरे बिहार के लिए एक गंभीर चेतावनी बन जाएंगी।

 

Noida Desk
Author: Noida Desk

मुख्य संपादक (Editor in Chief)

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