बिहार पुलिस कर रही ताबड़तोड़ छापेमारी, राजधानी में मचा हड़कंप
रिपोर्टर: एशियन टाइम्स टीम | स्थान: पटना, बिहार
राजधानी पटना में कारोबारी गोपाल खेमा की दिनदहाड़े हत्या ने न सिर्फ पुलिस-प्रशासन को हिला कर रख दिया है, बल्कि बिहार की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं। हत्या के तीन दिन बाद भी पटना पुलिस खाली हाथ है, जबकि लगातार छापेमारी की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, इस हत्याकांड की कड़ियाँ बेऊर जेल में बंद कुख्यात अपराधियों से जुड़ी हो सकती हैं। पुलिस ने बेऊर जेल में कई वार्डों की तलाशी ली है और वहां से मोबाइल फोन, सिम कार्ड, चाकू व अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है। इन सामग्रियों के आधार पर यह शक गहराता जा रहा है कि जेल में बंद अपराधियों ने बाहर से हत्याकांड को अंजाम दिलवाया।
पटना एसएसपी और एसटीएफ की टीमें लगातार पटना सहित आसपास के जिलों में छापेमारी अभियान चला रही हैं। हत्या की साजिश रचने के आरोप में सुराज निगम नामक युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
2018 की हत्या से भी जुड़ रहा है लिंक
परिवार वालों ने बताया कि 2018 में गोपाल खेमा के भाई गुंजन खेमा की भी हत्या हुई थी, और अब गोपाल की हत्या से पूरा परिवार सदमे में है। परिजनों का कहना है कि लगातार धमकियां मिल रही थीं, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
राजनीतिक आरोप भी शुरू
इस हत्याकांड को लेकर सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे लेकर भाजपा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा,
“नीतीश और भाजपा ने मिलकर बिहार को अपराध की राजधानी बना दिया है।”
उन्होंने अपील की कि आगामी विधानसभा चुनाव में जनता को सिर्फ सरकार नहीं, राज्य को बचाने के लिए वोट देना होगा।
परिवार ने मांगी सुरक्षा
गोपाल खेमा के बेटे ने मीडिया से कहा,
“मेरे परिवार को जान का खतरा है। मैं सरकार और पुलिस से मांग करता हूं कि हमें तत्काल सुरक्षा दी जाए।”
गोपाल खेमा की हत्या ने बिहार की जेल व्यवस्था और अपराधियों के नेटवर्क को बेनकाब कर दिया है। अगर जेल के अंदर से हत्या की साजिशें रची जा रही हैं, तो यह राज्य की आंतरिक सुरक्षा पर सीधा हमला है।
एशियन टाइम्स आगे भी इस मुद्दे पर विशेष रिपोर्ट लाता रहेगा।
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Author: Bihar Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)