✍️ रिपोर्टर: एशियन टाइम्स टीम | 📍स्थान: पटना, बिहार
🗓️ प्रकाशन तिथि: 30 जून 2025
बिहार में चार कैडर के शिक्षक, जानिए किसे क्या लाभ
बिहार में शिक्षकों को चार मुख्य कैडरों में विभाजित किया गया है। हर कैडर की स्थिति और अधिकार अलग हैं:
पहला कैडर: ग्रेड पे शिक्षक
इस कैडर में वे शिक्षक आते हैं जिन्होंने ग्रेड पे पर नौकरी पाई थी। इनकी संख्या अब काफी कम रह गई है, लेकिन इन्हें अब भी सरकारी सुविधाएं और पुरानी सेवा शर्तें प्राप्त हैं।
दूसरा कैडर: नियोजित शिक्षक
बिहार सरकार ने शिक्षकों की बहाली के लिए “नियोजन” नीति लागू की थी। ये शिक्षक पंचायत या नगर निकायों के माध्यम से नियुक्त किए गए हैं। इन्हें ‘नियोजित शिक्षक’ कहा जाता है, लेकिन इनकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि सरकार के पास इनके लिए कोई ट्रांसफर पॉलिसी नहीं है।
तीसरा कैडर: बीपीएससी शिक्षक
साल 2023 और 2024 में BPSC (बिहार लोक सेवा आयोग) के माध्यम से TRE 1 और TRE 2 के तहत शिक्षकों की बहाली की गई। इन्हें बीपीएससी शिक्षक कहा जाता है और इन्हें राज्यकर्मी का दर्जा मिलता है।
चौथा कैडर: विशिष्ट शिक्षक
इस कैडर में वे शिक्षक शामिल होंगे जो सक्षमता परीक्षा पास करेंगे। नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा केवल विशिष्ट शिक्षक बन जाने पर मिलेगा।
10,322 महिला शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग लिस्ट जारी
बिहार के शिक्षा विभाग ने सोमवार को 10,322 महिला शिक्षकों की ट्रांसफर और पोस्टिंग की सूची जारी कर दी। यह लिस्ट महिला शिक्षकों की लंबे समय से चली आ रही मांग का परिणाम मानी जा रही है।
881 महिला शिक्षिकाओं को पूर्व में जिला तो आवंटित कर दिया गया था लेकिन स्कूल नहीं मिल पाया था। अब उन्हें स्कूल भी आवंटित कर दिया गया है।
1063 शिक्षिकाएं ऐसी थीं जिन्हें स्कूलों में शिक्षक की संख्या कम होने के कारण न तो जिला और न ही स्कूल आवंटित हो सका था। अब उन्हें भी स्कूलों में पोस्टिंग मिल गई है।
6335 शिक्षिकाओं को केवल जिला आवंटित किया गया है। इन्हें स्कूल आवंटन जिला स्थापना समिति की बैठक के बाद किया जाएगा।
लिस्ट के अनुसार, 2043 शिक्षिकाओं को जिला और स्कूल दोनों का आवंटन कर दिया गया है।
महत्वपूर्ण बिंदु (हाइलाइट्स)
- महिला शिक्षकों की मांगों को प्राथमिकता देते हुए शिक्षा विभाग ने तेजी से कार्रवाई की।
- नियोजित शिक्षकों को विशेष शिक्षक बनने के बाद ही मिलेगा राज्यकर्मी का दर्जा।
- ट्रांसफर पॉलिसी अब भी केवल कुछ वर्गों तक सीमित, नियोजित शिक्षकों को अब भी इस नीति से वंचित रखा गया है।
बिहार में शिक्षा व्यवस्था को व्यवस्थित करने और शिक्षकों की नियुक्ति, पोस्टिंग, और पदोन्नति को पारदर्शी बनाने की दिशा में यह बड़ा कदम माना जा रहा है। लेकिन नियोजित शिक्षकों की समस्याएं अब भी बनी हुई हैं। सरकार को सभी कैडर के शिक्षकों के हित में समान ट्रांसफर और सेवा नीति लानी चाहिए।

Author: Bihar Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)