Asian Times ब्यूरो, सुपौल
सुपौल में 21 वर्षीय हरवित मिश्रा ने युवावस्था में ही करोड़ों रुपये का अवैध साम्राज्य खड़ा कर चौंका दिया है। पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने खुलासा किया कि हरवित ने दुबई और मलेशिया में लगभग 10 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इसके अलावा उसके विभिन्न देशों में बैंक खाते, रियल एस्टेट और शेयर मार्केट ट्रेडिंग के नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग का खेल चल रहा था।
20 जुलाई को EOU की टीम ने हरवित मिश्रा को गिरफ्तार किया। उसके घर से 8 सिम बॉक्स, 1,300 सिम कार्ड और एक डेटा एजेंसी से महत्वपूर्ण रिकॉर्ड जब्त किए गए। इसके साथ ही, उसके 5 अन्य साथियों को भी अलग-अलग स्थानों से पकड़ा गया। 30 जुलाई को उसके नेटवर्क से जुड़े मुकेश कुमार की गिरफ्तारी के बाद कुल गिरफ्तारियों की संख्या 7 हो गई।
गांव वालों को यह सब महज रियल एस्टेट और ट्रेडिंग का कारोबार लगता था, लेकिन असलियत में हरवित चीन के साइबर अपराधियों का बड़ा हैंडलर था। अवैध सिम बॉक्स का इस्तेमाल कर वह सीक्रेट कॉलिंग, ऑनलाइन धोखाधड़ी और अन्य वित्तीय अपराध करता था।
EOU की जांच में सामने आया है कि:
दुबई व मलेशिया में 10 करोड़ का निवेश
अंतरराष्ट्रीय बैंक खातों के जरिए पैसों का लेन-देन
सिम बॉक्स के जरिए गुप्त कॉलिंग और ठगी
चीन से जुड़ा साइबर क्राइम नेटवर्क
हरवित मिश्रा ने महज 21 साल की उम्र में संगठित साइबर क्राइम और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की। अब वह पुलिस के शिकंजे में है और लगातार उसके नेटवर्क के सदस्य गिरफ्तार हो रहे हैं।

Author: Bihar Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)