एशियन टाइम्स ब्यूरो रिपोर्ट
मुजफ्फरपुर/गायघाट, बिहार
मुजफ्फरपुर के गायघाट विधानसभा क्षेत्र में आयोजित एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान भारी बवाल मच गया। सम्मेलन स्थल पर अचानक अफरा-तफरी फैल गई और स्थिति इतनी बिगड़ गई कि महिलाओं और बच्चों को जान बचाकर भागना पड़ा। मौके पर माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया।
एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप
इस घटना को लेकर एनडीए के भीतर तीखी बयानबाज़ी शुरू हो गई है।
जेडीयू नेता प्रभात किरण ने आरोप लगाते हुए कहा कि “गायघाट की राजनीति में बाहरी दखल को यहां की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी। आज भी लोगों ने इसका विरोध कर दिया और उसी का परिणाम इस तरह का विवाद रहा। जनता ने साफ संदेश दिया है कि बाहरी राजनीति को यहां जगह नहीं मिलेगी।”
वहीं, लोजपा (रामविलास) की नेत्री और पूर्व प्रत्याशी कोमल सिंह ने प्रभात किरण पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि “मेरे साथ गाली-गलोज और मारपीट की गई। उनके इशारे पर मेरे ऊपर कुर्सियों से हमला कराया गया। इसका जवाब जरूर दिया जाएगा। पूरा देश जानता है कि बिहार में एनडीए की क्या छवि है। एनडीए की एकजुटता तोड़ने की कोशिश को हम कभी स्वीकार नहीं करेंगे।”
अंदरूनी खींचतान उजागर
गायघाट सीट लंबे समय से एनडीए के लिए अहम मानी जाती रही है। यहां महेश्वर यादव कई बार विधायक रह चुके हैं और अब उनके बेटे प्रभात किरण सक्रिय राजनीति में मजबूती से कदम जमाए हुए हैं। दूसरी तरफ, कोमल सिंह ने पिछला चुनाव लोजपा (रामविलास) से लड़ा था और इस बार भी टिकट की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं।
गायघाट में हुई इस घटना ने न केवल एनडीए की स्थानीय राजनीति को हिला दिया है बल्कि एनडीए की अंदरूनी खींचतान भी उजागर कर दी है। आगामी चुनाव से पहले यह विवाद एनडीए के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।
Author: Noida Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)







