पिछले काफी समय से देश में हार्ट डिजीज के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. कम उम्र में ही लोगों को हार्ट अटैक आ रहा है. इससे मौतें भी हो रही है.
बीते कुछ महीनों में दिल का दौरा पड़ने से कई लोगों का निधन भी हो चुका है. इस बीच यह चर्चा भी चल रही है कि हार्ट डिजीज के केस क्यों बढ़ रहे हैं. इसको लेकर एक्सपर्ट्स अलग-अलग तर्क भी दे रहे हैं. जिसमें कोविड वायरस को एक बड़ी वजह बताया जा रहा है. अब दिल की बीमारियों के बढ़ने के कारणों पर दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में एक रिसर्च की गई है.
इस स्टडी में यह जवाब मिल गया है कि देश के लोगों में हार्ट डिजीज ज्यादा क्यों होती है. रिसर्च के मुताबिक, भारतीयों को कोरोनरी आर्टरी डिजीज ( हार्ट डिजीज) अधिक होने का कारण लोगों का छोटा बॉडी सरफेस है. सर गंगा राम अस्पताल के कार्डियोलॉजी और रेडियोलॉजी विभाग के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि भारतीयों में आर्टरी के छोटे डायमीटर के कारण हार्ट डिजीज नहीं होती है, बल्कि यह उनके छोटे बॉडी सरफेस की वजह से होता है. 250 रोगियों पर हुई स्टडी में इस बात का खुलासा किया गया है. ये रिसर्च जर्नल ऑफ इंडियन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित हुआ है.
ये बीमारियां हार्ट डिजीज का बड़ा कारण हैं
सर गंगा राम अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉक्टर अश्वनी मेहता ने TV9 भारतवर्ष से बातचीत में बताया कि यह धारणा है कि एशियाई और विशेष रूप से भारतीयों में कोरोनरी आर्टरी के छोटे डायमीटर के कारण हार्ट डिजीज होती है, लेकिन ऐसा नहीं है. हमारी रिसर्च में पता चला है कि भारतीय आबादी में दिल की बीमारियों के ज्यादा होने का कारण शरीर का छोटा बॉडी सरफेस एरिया है. इसके साथ ही खराब लाइफस्टाइल, खानपान की गलत आदतों, डायबिटीज, हाइपरटेंशन और मोटापे की वजह से भारतीय लोगों में हार्ट डिजीज की समस्या तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में इन सभी रिस्क फैक्टर्स को काबू में करने की जरूरत है.
सर गंगा राम अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के लेखक और अध्यक्ष डॉ जेपीएस साहनी के मुताबिक, इस रिसर्च में शामिल 51% लोग उच्च रक्तचाप ( हाई बीपी) से ग्रस्त थे. वहीं, 18% को मधुमेह, 4% धूम्रपान करने वाले थे, 28% डिस्लिपिडेमिक थे. साथ ही 26 फीसदी को हार्ट डिजीज का पारिवारिक इतिहास था. इससे पता चलता है कि हार्ट डिजीज बढ़ने का कारण ये बीमारियां भी हैं.
अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ भुवनेश कांडपाल के मुताबिक, यह अध्ययन भारतीय आबादी में कोरोनरी आर्टरी डिजीज ( हार्ट डिजीज) के बढ़ने के कारणों का पता लगाने के लिए किया गया था, जिसके परिणाम बताते हैं कि हार्ट आर्टरी के साइज का दिल से संबंधित बीमारियों से कोई संबंध नहीं है.