मनोरंजन से आगे बढ़कर सोशल मीडिया बन रहा है जानकारी, शिक्षा और रोज़गार का सशक्त माध्यम
21वीं सदी में अगर किसी माध्यम ने सबसे तेज़ी से आम आदमी की ज़िंदगी बदली है तो वह है सोशल मीडिया। भारत में आज लगभग 85 करोड़ से अधिक लोग इंटरनेट से जुड़े हैं, जिनमें से 50 करोड़ से अधिक सक्रिय सोशल मीडिया यूज़र हैं। इसका मतलब है कि हर दूसरा भारतीय नागरिक किसी न किसी रूप में इन प्लेटफ़ॉर्म्स से जुड़ा हुआ है।
सरकार भी इस शक्ति को समझते हुए अपनी योजनाओं को सीधे जनता तक पहुँचाने में सोशल मीडिया का सहारा ले रही है। स्वच्छ भारत अभियान, डिजिटल इंडिया और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं की जानकारी लाखों लोगों तक इन्हीं माध्यमों से पहुँची। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच की दूरी काफी कम हुई है।
युवाओं के लिए सोशल मीडिया सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि रोज़गार का नया अवसर बन चुका है। आँकड़ों के अनुसार, भारत में 50 लाख से अधिक कंटेंट क्रिएटर्स यूट्यूब, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स से आजीविका कमा रहे हैं। छोटे व्यापारी और हुनरमंद कारीगर भी अपने उत्पादों को ऑनलाइन बेचकर आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
हालाँकि, यह सच है कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग भी होता है। झूठी ख़बरें और अफ़वाहें समाज के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं। इसलिए ज़रूरी है कि हम सतर्क रहें और किसी भी सूचना को साझा करने से पहले उसकी पुष्टि करें।
अगर हम सोशल मीडिया का सही दिशा में इस्तेमाल करें, तो यह शिक्षा, रोज़गार और राष्ट्र निर्माण का सबसे बड़ा औज़ार बन सकता है।
@ ऐम० ऐच० के०

Author: Bihar Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)