एशियन टाइम्स ब्यूरो रिपोर्ट
पटना की डॉ. राज सिन्हा कनाडा में ऑनलाइन शिक्षण सुरक्षा पर अभूतपूर्व शोध का नेतृत्व करेंगी
एशियाई देश से एकमात्र पोस्ट-डॉक्टरल फेलोशिप के लिए चयनित होने वाली महिला
पटना : बिहार की धरती ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। पटना निवासी डॉ. राज सिन्हा ने कनाडा में कंप्यूटर विज्ञान में प्रतिष्ठित पोस्ट-डॉक्टरल फ़ेलोशिप के लिए चयनित होकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। गौरतलब है कि इस कार्यक्रम के लिए वे पूरे एशिया से चुनी गईं एकमात्र शोधार्थी हैं। यह उपलब्धि न केवल भारत बल्कि पूरे बिहार के लिए गर्व का क्षण है।
डॉ. सिन्हा का शोध ऑनलाइन शिक्षण के लिए फ़ेडरेटेड लर्निंग सिक्योरिटी के महत्वपूर्ण और सामयिक विषय पर केंद्रित है। इस परियोजना का उद्देश्य डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी चुनौती — शिक्षार्थियों के निजी डेटा की सुरक्षा करते हुए उन्हें सही कौशल की जानकारी प्रदान करना — का समाधान करना है।
वे एक फ़ेडरेटेड लर्निंग-आधारित स्किल रिकमेंडेशन सिस्टम विकसित करेंगी, जो शिक्षार्थियों की इंटरैक्शन के आधार पर, उनके संवेदनशील और अप्रसंस्कृत डेटा को साझा किए बिना, व्यक्तिगत पाठ्यक्रम सुझाव देगा। इसमें फ़ेडरेटेड कोलैबोरेटिव फ़िल्टरिंग और रिइंफोर्समेंट लर्निंग तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जिससे न केवल अनुशंसाओं की सटीकता बढ़ेगी, बल्कि शिक्षार्थियों की सहभागिता और संतुष्टि में भी सुधार होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह शोध ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफ़ॉर्म के संचालन को नए आयाम देगा और पर्सनलाइज्ड एजुकेशन को और अधिक सुरक्षित व प्रभावी बनाएगा।
डॉ. राज सिन्हा की इस असाधारण उपलब्धि के पीछे उनकी कड़ी मेहनत और निरंतर शोध का योगदान है। वे पटना के प्रसिद्ध कैंसर रोग चिकित्सक स्व. डॉ. रंगी प्रसाद सिंह की पौत्री हैं। उन्होंने ज्योति विद्यापीठ से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है और वर्तमान में पारुल विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।
कनाडा में कंप्यूटर विज्ञान में पोस्ट-डॉक्टरल अध्ययन करने वाली वे बिहार की पहली महिला हैं, जिसने राज्य को अंतरराष्ट्रीय शोध मानचित्र पर एक नया स्थान दिलाया है।

Author: Bihar Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)