✍️ रिपोर्टर: एशियन टाइम्स ब्यूरो |
📍 नई दिल्ली
नई दिल्ली: शिवसेना और शिंदे गुट (शिवसेना – एकनाथ शिंदे) के बीच पार्टी के चुनाव चिह्न ‘धनुष-बाण’ को लेकर चल रहे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट 14 जुलाई को सुनवाई करेगा। यह मामला पिछले साल से चर्चा में है, जब एकनाथ शिंदे गुट ने पार्टी पर दावा करते हुए चुनाव आयोग से मान्यता प्राप्त कर ली थी और ‘धनुष-बाण’ चुनाव चिह्न भी अपने पक्ष में ले लिया।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति विनीत सरन शामिल हैं, ने वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत की ओर से दायर तत्काल सुनवाई की याचिका पर विचार करने के बाद 14 जुलाई की तारीख तय की है।
क्या है मामला?
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें आयोग ने 17 फरवरी 2023 को एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना घोषित करते हुए ‘धनुष-बाण’ चिह्न सौंप दिया था। ठाकरे गुट ने दलील दी है कि यह जनप्रतिनिधित्व कानून और संविधान का उल्लंघन है।
कोर्ट में क्या हुआ?
सुनवाई के दौरान देवदत्त कामत ने कहा कि, “यह अंतिम निर्देश देने का मामला है। अगर 14 जुलाई को अगली सुनवाई हो जाए तो कोई दिक्कत नहीं है, पर जल्द सुनवाई जरूरी है।” कोर्ट ने सहमति जताई और 14 जुलाई को अगली तारीख दे दी।
लोगों की पसंद या संवैधानिक अधिकार?
अधिवक्ताओं ने दलील दी कि यह महज जनभावना का नहीं, बल्कि संविधान और चुनावी अधिकारों का मामला है। कोर्ट का अंतिम फैसला यह तय करेगा कि चुनाव आयोग को इतनी स्वतंत्रता है या नहीं कि वह पार्टी चिह्न को एकतरफा तरीके से एक गुट को सौंप दे।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
- चुनाव आयोग का फैसला सवालों के घेरे में
- उद्धव गुट ने दी कानूनी चुनौती
- संविधान की धारा 29ए और अनुच्छेद 324 की व्याख्या अहम

Author: Bihar Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)