बिहार में सियासत बदलने से जेडीयू बीच मझधार में फांस गई है।
ऐसे में नई सरकार बनाने से नए लोगो का आगमन हुआ है। ऐसे में नए लोगो के आने से पार्टी में कुछ न कुछ मतभेद होना संभव है।
असल में मंत्रिमंडल के विस्तार के कारण ऐसे नेता शपथ लेने आए जिन पर अपहरण और वारंट जारी है। ऐसे में सभी मंत्रियों की जन्म कुंडली निकलवाना शुरू कर दी। जिस वजह से नीतीश कुमार पर आरोप प्रत्यारोप लगने शुरू हो गए और तो और जेडीयू पार्टी के ही नेताओ को मंत्री पद न मिलने के कारण नेताओ ने नाराजगी जाहिर की।
असल में 16 अगस्त को नए मंत्री बने नेता लोग जब शपथ ले रहे थे तब तक सब सही था, फिर मामला कुछ ऐसा हुआ की राजद सुप्रीमो के नेता कार्तिकेय सिंह जो कानून मंत्री पद की शपथ ले रहे थे, उन पर आठ वर्ष पूर्व अपहरण का मामला दर्ज हुआ। जिस कारण बीजेपी के नेताओ ने उन्हे घेर लिया।
कार्तिकेय सिंह अनंत सिंह के करीबी बताए जाते है, अनंत सिंह वही शख्स है जिसके घर से एके–47 मिलने के कारण उनकी विधानसभा की सीट वापस ले ली गई।
कोर्ट ने कार्तिकेय सिंह को 16 अगस्त को हाजिरी पर बुलाया था, लेकिन उस दिन शपथ ले रहे कार्तिक सिंह ने कहा कोर्ट ने मुझे 1 सितंबर की तारिक दी है।