राजनीति में सियासत का राजदार बने रहने के लिए नेता तमाम तरह की योजना बनाता है, अपने फायदे के लिए एक पार्टी को छोड़कर दूसरे राजनिति पार्टी के साथ गठबंधन करना ये अब आम हो चला है।
ऐसा ही वाक्य बिहार में देखने को मिल रहा है, जहा नीतीश कुमार ने राजनिति में हेर फेर करके बिहार की राजनीति को गरमा रखा है।
नीतीश कुमार समर्थन गठबंधन एनडीए वाली सरकार से जुदा होकर नीतीश कुमार ने राजद का हाथ थाम लिए है।
उनके इस फैसले ने सबको हैरान कर दिया है, 29 महीने में नीतीश कुमार ने दूसरी बार पार्टी से इस्तीफा देकर दुबारा शपथ लिया है।
एनडीए पार्टी जो कल तक उन्हे हितैषी नजर आती थी, सीएम नीतीश कुमार को आज वही पार्टी भ्रष्ट लग रही है।
खबरों की माने तो राजद के साथ गठबंधन करके नीतीश ने सीएम पद को बचा लिया तो वही आरजेडी के प्रमुख नेता तेजस्वी यादव ने गृह मंत्री के लिए अपना नाम रखा है।
देखना दिलचस्प होगा की नीतीश कुमार की नई गठबंधन वाली सरकार अगले 9 महीने तक बिहार के सियासत को संभाल पायेगी या नीतीश कुमार फिर पलटू मार लेंगे।
नीतीश कुमार ने 18 सालो में 8 बार मुख्यमंत्री बनने का अलग ही रिकॉड भी दर्ज किया है।