पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल का निधन: एक महान व्यक्तित्व की जीवन यात्रा
29 दिसंबर 2024 को, बिहार के पूर्व आईपीएस अधिकारी और महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल का 74 वर्ष की आयु में हृदयाघात से निधन हो गया।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बरुराज गांव में एक भूमिहार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल में प्राप्त की और बाद में पटना विश्वविद्यालय से इतिहास और संस्कृत में स्नातक की डिग्री 1970 में हासिल की।अपने करियर के मध्य में, उन्होंने 1983 में स्नातकोत्तर की डिग्री भी प्राप्त की।
पुलिस सेवा और अयोध्या विवाद में भूमिका 1972 में, किशोर कुणाल भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए और गुजरात कैडर में अपनी सेवा शुरू की।अपने करियर के दौरान, उन्होंने अहमदाबाद में डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस और पटना में सीनियर सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस के रूप में कार्य किया।1990 में, उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री वी. पी. सिंह द्वारा अयोध्या विवाद में विशेष अधिकारी नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने विश्व हिंदू परिषद और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के बीच मध्यस्थता की।
सामाजिक और धार्मिक योगदान
सेवानिवृत्ति के बाद, आचार्य किशोर कुणाल ने बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव बने।उनकी नेतृत्व में, महावीर मंदिर ने कई अस्पतालों की स्थापना की, जिनमें महावीर कैंसर संस्थान और महावीर वात्सल्य अस्पताल प्रमुख हैं, जो समाज के कमजोर वर्गों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं।उन्होंने पटना में ज्ञान निकेतन स्कूल की भी स्थापना की।
निधन 29 दिसंबर 2024 की सुबह, आचार्य किशोर कुणाल को हृदयाघात हुआ, जिसके बाद उन्हें तुरंत महावीर वात्सल्य अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई प्रमुख व्यक्तित्वों ने शोक व्यक्त किया।
हृदयाघात से निधन योगी आदित्यनाथ शोक संदेश सामाजिक कार्यकर्ता आचार्य किशोर कुणाल का जीवन समाज सेवा, धार्मिक और सांस्कृतिक उत्थान के लिए समर्पित था।उनका निधन समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके जीवन और योगदान के बारे में अधिक जानकारी के लिए, निम्नलिखित वीडियो देखें:
@tanvir