21 नवंबर की शाम सचिवालय में सहायक पद पर कार्यरत अमित रंजन के राजीवनगर की मौर्य विहार कॉलोनी स्थित नारायण रेसिडेंशियल के फ्लैट 201 में आग आग लग गई थी। इस दौरान तेज धमाका भी हुआ था। आग से घर में मौजूद महिला पायल और उनका बेटा आरव बुरी तरह झुलस गए थे। वहीं, सारा सामाने जल जाने के साथ ही फ्लैट के दरवाजे और खिड़कियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। दमकल विभाग को मौके से एलपीजी के दो सिलेंडर मिले थे। जिसके बाद अब मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इस प्राथमिकी में पीएनजी कंपनी पर बड़ा आरोप लगाया गया है। दरअसल, इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में पीड़ित ने आरोप लगाया है कि उन्होंने पाइप्ड नेचुरल गैस (
) का कनेक्शन नहीं लिया था। इसके बावजूद उनके रसोई घर में पाइपलाइन डाल दी गई। हालांकि, नॉव नहीं लगाया गया है। उस दिन दोपहर दो बजे से कंपनी के दो कमी वहां काम कर रहे थे, उनलोगों ने लापरवाही से फ्लैट की गैस की लाइन चालू कर दी। रिसाव से फ्लैट में गैस भर गई थी। इसका आभास उनकी पत्नी और बेटे को नहीं हुआ। शाम को पत्नी पायल ने दीपक जलाने के लिए तिल्ली जलाई। इससे फ्लैट में आग लग गई थी। उनका कहना है कि कंपनी की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है। इसलिए इसके दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। गौरतलब हो कि, इस हादसे में सचिवालय कर्मी के साढ़े चार वर्षीय बच्चे आरब की मौत हो गई थी। जबकि मां की गंभीर हालत में पीएमसीएच में इलाज चल रहा है। इस मामले में राजीव नगर के थानेदार नीरज कुमार ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। परिजनों का आरोप है कि मैगी बनाते वक्त नहीं बल्कि महिला के पूजा के लिए दीपक जलाते हो आग भभक उठी थी। इस मामले में भी जांच की जा रही है।