बिहार में पूर्ण शराबबंदी है. शराब तस्करी पर जितनी सख्ती बढ़ी है, उसी रफ्तार से शराब माफियाओं ने तस्करी के नए-नए तरीके इजाद किए हैं. ताजा मामला बांका जिले का है. यहां एक निर्माण कंपनी में काम आने वाली बड़ी गाड़ी हाईवा के इस्तेमाल से लाखों रुपये की तस्करी के खेल का खुलासा हुआ है.
क्या है पूरा मामला
झारखंड से सटा बांका जिला इन दिनों शराब तस्करों के लिए ट्रांजिट रूट बना हुआ है. बांका में पूरे बिहार में सप्लाई करने के लिए लाखों की शराब रोजाना आ रही है. लेकिन शराब लाने का जरिया उन गाड़ियों को बनाया जा रहा है, जो निर्माण सामग्री की ढुलाई करती हैं. सोमवार को पुलिस को सूचना मिली की पत्थर की गिट्टी से लदे हाईवा में शराब छुपाकर लाया जा रहा है. पुलिस ने जब गिट्टी लदे हाईवा को रोका, तो उसके ड्राइवर ने नीचे का दरवाजा खोलकर दिखा दिया.
पुलिस ने देखा की सच में उसमें गिट्टी लदी हुई है.
शक होने के बाद अंदर ली तलाशी
शराब नहीं मिलने के बाद पुलिसकर्मी हाईवा के ऊपर चढ़े. उसके बाद जैसे ही पत्थर की बजरी हटाई, पुलिसकर्मियों की आंखें फैल गईं. गिट्टी के नीचे 10 लाख रुपये की कीमत की विदेशी शराब की बोतलें रखी हुई थीं. उसके बाद पुलिस ने हाईवा के साथ सफर कर रहे, तीन तस्करों को गिरफ्तार कर लिया. 100 पेटी शराब की कीमत बाजार में दस लाख रुपये बताई जा रही है.
झारखंड शराब माफिया की करतूत
पुलिस की इस कार्रवाई में झारखंड के बड़े शराब माफिया की संलिप्तता सामने आई है. शराब तस्करी के मुख्य सरगरना की गिरफ्तारी के अलावा. शराब के आपूर्तिकर्ता गौरव सिंह ऊर्फ विक्की सिंह का नाम सामने आया है. जिन सरगनाओं को गिरफ्तार किया गया है, वे हैं बिजली यादव, मनीष कुमार जो खगड़िया जिले के परबत्ता थाना क्षेत्र का रहने वाला है, वहीं साकेत झा जो जमशेदपुर का टेल्को का रहने वाला है.
बांका उत्पाद अधीक्षक अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि तीनों गिरफ्तार तस्कर पार्टनरशिप पर धंधा करता था. ये लोग हाईवा में शराब भरकर निर्माण सामग्री के साथ बिहार लाते थे और सप्लाई करते थे.