पूर्व कांग्रेस राहुल गांधी को ED के समन से कई नेताओं को लग रहा बड़ा डर, लालू यादव की पार्टी ने खोला इसका राज

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पटना। नेशनल हेराल्ड मामले में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ईडी के समक्ष पेशी से केवल कांग्रेस ही नहीं दूसरे विपक्षी दलों में भी गुस्‍सा है।

इसके पीछे असली वजह अब लालू यादव के करीबी नेता और राजद के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष शिवानंद तिवारी ने बताई है। दरअसल, इस कार्रवाई के बाद सभी विपक्षी पार्टियों को एक डर सताने लगा है। बिहार के प्रमुख विपक्षी दल राष्‍ट्रीय जनता दल ने इस मसले पर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने मंगलवार को कहा कि सिर्फ कांग्रेस नहीं संपूर्ण विपक्ष केंद्र की जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं।

शिवानंद बोले- प्रताड़‍ित करने के लिए हो रहा ईडी का इस्‍तेमाल

शिवानंद ने कहा कि कांग्रेस सही मान रही है कि राहुल गांधी को प्रताडि़त करने के लिए उनके विरूद्ध ईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसलिए इसके विरुद्ध वह जमकर विरोध प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस के मुख्यमंत्री तक विरोध पर हिरासत में लिए गए।

कांग्रेस के नेतृत्‍व पर भी शिवानंद ने उठाए सवाल

उन्होंने कहा, सवाल यह है कि कांग्रेस संपूर्ण विपक्ष की लड़ाई क्यों नहीं लड़ रही है। विपक्षी दल के नेताओं का मुंह बंद करने के लिए जिस प्रकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है, वह हमारे संवैधानिक तथा लोकतांत्रिक मूल्यों पर कुठाराधात है। इसलिए सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस का यह दायित्व बनता है कि वह इसके विरुद्ध संघर्ष में संपूर्ण विपक्ष को संगठित कर उसका नेतृत्व करे।

नेशनल हेराल्ड केस से सुर्खियों में आना चाहती केंद्र सरकार : विधायक

इधर, बक्‍सर के कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्‍ना तिवारी ने कहा कि नेशनल हेराल्ड केस को लेकर केंद्र सरकार एक बार फिर सुर्खियों में आना चाहती है। देश में वर्तमान में व्याप्त ज्वलंत मुद्दों से देशवासियों का ध्यान भटकाने के लिए सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय को आगे किया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी को सम्मन जारी कर ईडी के समक्ष प्रस्तुत होने के लिए कहा गया। यह पूछताछ कम सरकार के इशारे पर राहुल गांधी को प्रताडि़त करने का करने का उदाहरण है। केंद्र सरकार दुर्भावना से ग्रस्त होकर ऐसा कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा की गलत नीतियों का विरोध करने वाले नेताओं के साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है। यह ठीक नहीं है।

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