गाजियाबाद/उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में मंगलवार को एक बड़ी वारदात सामने आई जब कुख्यात अपराधी कादिर को पकड़ने गई पुलिस टीम पर स्थानीय भीड़ ने पत्थरबाजी और फायरिंग कर दी। इस हमले में एक कांस्टेबल की मौत हो गई, जबकि तीन पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अपराधी कादिर पर लूट, चोरी और गैंगस्टर एक्ट समेत कुल 16 संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसे पकड़ने के लिए एक विशेष टीम भेजी गई थी, लेकिन जब पुलिस मौके पर पहुंची तो भीड़ ने न केवल पथराव शुरू कर दिया, बल्कि फायरिंग भी की, जिससे पुलिस को पीछे हटना पड़ा।
इस घटना में एक बहादुर कांस्टेबल शहीद हो गया, जिसकी पहचान जल्द ही उजागर की जाएगी। घायल पुलिसकर्मियों की हालत भी गंभीर बनी हुई है।
बावजूद इसके, पुलिस ने कादिर को मौके से गिरफ्तार कर लिया है, जो खुद भी हथियारों से लैस था। इलाके में तनाव की स्थिति को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और घटनास्थल को सील कर दिया गया है।
पुलिस अधिकारियों का बयान:
एसएसपी गाजियाबाद ने बताया कि “यह घटना पुलिस के लिए बहुत ही दुखद है। अपराधी को पकड़ने के दौरान हमारे जवानों पर हमला हुआ। शहीद कांस्टेबल की शहादत को हम व्यर्थ नहीं जाने देंगे। घटना में शामिल सभी उपद्रवियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।”
यह मामला सवाल खड़ा करता है कि:
👉 जब पुलिस अपराधियों को पकड़ने जाती है और खुद ही हमले का शिकार होती है, तो कानून का डर किसे है?
👉 क्या अब अपराधियों का ही ‘एनकाउंटर’ नहीं बल्कि पुलिस का ‘एनकाउंटर’ किया जा रहा है?
जांच और कार्रवाई:
वर्तमान में कादिर को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है और उसके नेटवर्क की जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस जल्द ही घटना में शामिल सभी हमलावरों को चिह्नित कर गिरफ्तारी की कार्रवाई करेगी।

Author: Bihar Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)