सोयाबीन में काफी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, यह अंडे, दूध और मांस में पाए जाने वाले प्रोटीन से भी ज्यादा होता है. इसमें विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन ई, मिनरल्स और एमीनो एसिड पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर की विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति करने के अलावा कई तरह के रोगों के उपचार में काफी कारगर होता है.
सोयाबीन का उपयोग:
सोयाबीन के बीजों की सब्जी बनाई जा सकती है।
लैक्टोज इनटॉलेरेंस यानी जिन लोगों को गाय का दूध डाइजेस्ट नहीं होता है, वे सोया मिल्क का उपयोग कर सकते हैं। सोया मिल्क में कम कैलोरी, कम फैट और अधिक प्रोटीन होता है।
सोयाबीन से बड़ी और सोया दूध से टोफू बनाया जाता है, जिसकी सब्जी बनाई जा सकती है।
सोयाबीन को सूप की तरह भी उपयोग किया जाता है।
सोयाबीन को अंकुरित करके भी खाया जा सकता है।
सोयाबीन से तेल निकालकर सब्जी बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
सोयाबीन का उपयोग क्रीम बनाने में भी किया जाता है।
सोयाबीन के फायदे:
1) सोयाबीन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होने के कारण इससे बने उत्पादों का सेवन मधुमेह के मरीज के लिए उचित माना गया है
2)सोयाबीन में फाइटोएस्ट्रोजेन्स पाए जाते हैं, जो हड्डियों को कमजोर होने से बचा सकते हैं
3) इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो सूजन और हृदय रोग को रोकने में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
4)सोयाबीन के सेवन से स्तन और गर्भाशय से संबंधित कैंसर से बचने में मदद मिल सकती है
5)सोयाबीन के सेवन से खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा तो कम होती है, लेकिन अच्छे कोलेस्ट्रॉल पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता
6)सोयाबीन के बीज में फाइबर, विटामिन-बी, विटामिन-सी, और अन्य मिनरल्स पाए जाते हैं। ये बालों के विकास और मजबूती के लिए सहायक होते हैं।
सोयाबीन प्रोटीन का एक अच्छा सोर्स होता है. सोयाबीन एस ऐसा चीज है जिसे लोग चावल या रोटी-पराठे दोनों के साथ खाया जा सकता है. कई लोग इसे नाश्ता या खाने में खाना पसंद करते हैं. आपको बता दें कि सोयाबीन बेशक प्रोटीन का एक बेहतर जरिया हो लेकिन ज्यादा सोयाबीन खाने से सेहत को नुकसान भी होता है.